स्वामी तेरे बिन..!!
अँधेरे को तुने उजाला था
राह भी तुने दिखाई थी
हिंदुत्व की कडवी सच्चाई
तुने ही तो सिखाई थी
धर्म तेरा जीवन था
कर्म तेरा पावन था
तेरे विचारो से हुआ
हिंदुत्व बड़ा मनभावन था
आज फिर तेरी जरुरत है
हिंदुत्व पे आया आतंक का साया है
देख स्वामी तेरी राह छोड़ के
आज हमने ये क्या पाया है...?? -- स्नेहल
No comments:
Post a Comment