Thursday, May 5, 2011

सुखांत..!!


मन हे अशांत रे
शोधी क्षण निवांत रे
करती आकांत रे
शोधी सुखांत रे

मन एकटे.. मन बावरे
मारी कुणाही हाक रे
जीवघेणा एकांत रे
शोधी सुखांत रे...

मन हे अशांत रे
शोधी क्षण निवांत रे

मन आश्रित मन चिंतीत
सहे वेदना हे अखंडित
हि दु:ख अनंत रे
शोधी सुखांत रे....

मन हे अशांत रे
शोधी क्षण निवांत रे

मन तोडले मन छाटले
सुख जावून कुठे लोपले
फिरे भ्रांत भ्रांत रे
शोधी सुखांत रे....

मन हे अशांत रे
शोधी क्षण निवांत रे

मन भाबडे मन हळवे
वेडी आशा अजुनी बाळगे
सुख येतील शिंपित रे
क्षण येतील निवांत रे...

मन हे अशांत रे
शोधी क्षण निवांत रे
करती आकांत रे
शोधी सुखांत रे

.... शोधी सुखांत रे

-- स्नेहल

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